संबंध बनाने से पहले एस्प्रिन लेने वाली महिलाओं को लड़का होने की अधिक संभावना होती है। शोधकर्ताओं ने इस अध्‍ययन के नतीजे जर्नल ऑफ क्‍लीनिकल इन्‍वेस्टिगेशन में प्रकाशित किए हैं। शोधकर्ताओं ने इस अध्‍ययन में उन महिलाओं को शामिल किया, जिनके गर्भपात का इतिहास रहा हो। उन्‍होंने संबंध बनाने के पहले इन महिलाओं को एस्प्रिन नामक दर्द निवारक दवा दी। पाया गया कि इसके बाद लड़का होने की संभावना एक तिहाई बढ़ गई। इससे पहले किए गए अध्‍ययन में बताया गया था कि गर्भ में सूजन के कारण लगातार गर्भपात होता है। इसके पीछे सिद्धांत यह दिया गया कि प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रहे भ्रूण को बाहरी बॉडी के रूप में देखता है। इसके बाद वह इन्‍फ्लेमेट्री कम्‍पाउंड्स और इम्‍यून सेल्‍स से उस पर हमला करता है। इस इन्‍फ्लेमेशन के कारण महिला में लड़के को गर्भ में धारण करने की संभावना कम हो जाती है क्‍योंकि पुरुष भ्रूण को अधिक संवेदनशील माना जाता है। ब्रिटेन में लड़कियों का जन्‍म लड़कों के जन्‍म से थोड़ा अधिक होता है। अमेरिका के Eunice Kennedy Shriver National Institute of Child Health and Human Development में शोधकर्ताओं ने यह अध्‍ययन किया। इसमें गर्भपात से गुजर चुकी 1,228 महिलाओं को संबंध बनाने से पहले एस्प्रिन की लो डोज दी गई। इनमें से एक तिहाई महिलाओं को लड़के हुए।

संबंध बनाने से पहले एस्प्रिन लेने वाली महिलाओं को लड़का होने की अधिक संभावना होती है। शोधकर्ताओं ने इस अध्‍ययन के नतीजे जर्नल ऑफ क्‍लीनिकल इन्‍वेस्टिगेशन में प्रकाशित किए हैं। शोधकर्ताओं ने इस अध्‍ययन में उन महिलाओं को शामिल किया, जिनके गर्भपात का इतिहास रहा हो। उन्‍होंने संबंध बनाने के पहले इन महिलाओं को एस्प्रिन नामक दर्द निवारक दवा दी। पाया गया कि इसके बाद लड़का होने की संभावना एक तिहाई बढ़ गई।

इससे पहले किए गए अध्‍ययन में बताया गया था कि गर्भ में सूजन के कारण लगातार गर्भपात होता है। इसके पीछे सिद्धांत यह दिया गया कि प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रहे भ्रूण को बाहरी बॉडी के रूप में देखता है। इसके बाद वह इन्‍फ्लेमेट्री कम्‍पाउंड्स और इम्‍यून सेल्‍स से उस पर हमला करता है। इस इन्‍फ्लेमेशन के कारण महिला में लड़के को गर्भ में धारण करने की संभावना कम हो जाती है क्‍योंकि पुरुष भ्रूण को अधिक संवेदनशील माना जाता है। ब्रिटेन में लड़कियों का जन्‍म लड़कों के जन्‍म से थोड़ा अधिक होता है।

अमेरिका के Eunice Kennedy Shriver National Institute of Child Health and Human Development में शोधकर्ताओं ने यह अध्‍ययन किया। इसमें गर्भपात से गुजर चुकी 1,228 महिलाओं को संबंध बनाने से पहले एस्प्रिन की लो डोज दी गई। इनमें से एक तिहाई महिलाओं को लड़के हुए।

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