शास्त्रों के अनुसार इन 7 स्त्रियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना है 'महापाप'!!

हिन्दू धर्म ग्रंथो और शास्त्रों में एक तरफ जहां महिलाओं के लिए कई नियम मौजूद हैं वहीं पुरुषों के लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं कि उन्हें किन महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से परहेज़ करना चाहिए। अगर इन नियमों की अवहेलना की जाए तो शास्त्रों के अनुसार वह व्यक्ति महापापी माना जाता है और उसे कठोर से कठोर दंड भुगतने पड़ते है। तो आइये जानते है की किन महिलाओ से संबंध बनाने से पाप लगता है। आइये जाने।
अविवाहित स्त्री - एक पुरुष को बिना एक स्त्री से विवाह किए, उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। यदि कोई पुरुष ऐसा करे तो उसे उसके साथ विवाह भी करना चाहिए।
विधवा स्त्री - एक पुरुष को गलती से भी एक विधवा स्त्री के करीब नहीं जाना चाहिए, अर्थात् उसके साथ शारीरिक रूप से संपर्क ना साधें। यदि वह उससे विवाह कर ले, तो उसके बाद ही ऐसी स्त्री के साथ संबंध बनाए जा सकते हैं।
ब्रह्मचर्य का पालन कर रही स्त्री - कभी भूलकर भी ऐसी स्त्री जो कठोर तपस्या में लीन हो या पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन कर रही हो, उस उसके मार्ग से हटाना नहीं चाहिए। ऐसी स्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाने से ना केवल उसकी तपस्या भंग होती है, साथ ही पुरुष के सिर पर भी महापाप का भार आ जाता है।
अपने दोस्त की पत्नी - अपने दोस्त की पत्नी पर बुरी नजर रखना या दोस्त की पीठ पीछे उसकी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना, यह पाप के समान है। ऐसी स्त्री को सम्मान की नजरों से देखना चाहिए।
अपने ही दुश्मन की पत्नी - शास्त्रों के अनुसार दुश्मन की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना या उसके साथ किसी भी प्रकार का संपर्क तक साधना एक पाप है। ऐसी स्त्री को पूर्ण रूप से नजरअंदाज करना ही सही है। ऐसी स्त्री नुकसान का कारण भी बन सकती है।
अपने शिष्य की पत्नी - ओहदे में खुद से नीचे की या खुद के शिष्य की पत्नी के साथ कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। यह शास्त्रों में उल्लिखित महापापों में से एक महापाप माना जाता है।
स्वयं के परिवार की स्त्री -अपने ही परिवार की किसी स्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाना शास्त्रों की दृष्टि से बेहद गलत है। इन स्त्रियों के साथ खून का रिश्ता होता है, इसलिए इनके साथ इस तरह का संबंध बनाना महापाप कहलाता है।

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